अलेक्जेंडर पोप
अठारहवीं शताब्दी के इंग्लैंड के साहित्यिक परिदृश्य में, जहाँ बुद्धि और व्यंग्य का बोलबाला था, अलेक्जेंडर पोप (1688-1744) एक ऐसे कवि के रूप में उभरे जिनकी प्रतिभा ने न केवल अपने समय को आकार दिया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के साहित्य को भी प्रभावित किया। उनकी पहचान केवल उनके उत्कृष्ट छंदों या उनकी तीक्ष्ण बुद्धि …